15 अगस्त पर जोशीला भाषण

15 अगस्त पर जोशीला भाषण । सबसे बेहतरीन भाषण । इससे अच्छा कही नही मिलेगा ।

अगर आप 15 अगस्त पर आप अपने विद्यालय में भाषण देना चाहते है । और आप चाहते है कि सब आपके भाषण को सुनकर चौंक जाए तो आप अपने भाषण के साथ इन बातों को जोडे । आपके भाषण का शुरुआत गरम जोशी के साथ होना चाहिए। और अंत भी गर्म जोशी भरा होना चाहिए इसके लिए आप अपने भाषण में शायरी कविता और qoute का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपके भाषण में चार चाँद लग जायेगा। हम आपके लिए कुछ ऐसे ही गर्म जोशी भरा भाषण लिख रहे हैं जिसमें हमने कविता शायरी और qaute का इस्तेमाल किया है जिसको अगर आप अच्छी तरीके से बोलते हैं तो लोगों के द्वरा आपके भाषण को खूब पसंद किया जाएगा। तो चलिए हम शुरू करते है । आप इस भाषण को कही भी अपने आवश्यकता अनुसार दे सकते हैं फिलहाल हम इसे स्कूल के लिए लिख रहे हैं ।

15 अगस्त पर जोशीला भाषण

अभिवादन

परम आदरणीय प्रधानाध्यापक महोदय , और अंधकार से प्रकाश की ओर लाने वाले गुरु जानो कृष्ण जैसे भाईयो एवं राधा जैसे बहनों और कदम से कदम मिलाकर चलनेवाले मेरे देश के प्यारे नवजवान साथियों आज बारे हर्ष की बात है कि हम सभी इस 15 August के शुभ अवसर पर झंडा तोलन हेतु इकठ्ठा हुए हैं । इस अवसर पर मैं आप सबको का अपने पूरे विद्यायल परिवार की ओर से हार्दिक अभिन्नदान करता हूं।

मुख्य भाग

कली बेच देंगे, चमन बेच देंगे। 

कलम के सिपाही अगर सो गए तो,

तन के मसीहा वतन बेच देंगे

जैसा की हम सभी जानते हैं कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ उसके पहले हम अंग्रेजो के गुलाम थे । पर यह आजादी हमें कोई विरासत में नहीं मिली इसके लिए हमारे देश के वीर योद्धाओं को कई वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा । कई माँ की गोद सुनी हो गई और न जाने कितने बहनों के मांग का सिंदूर उजर गया तब जाकर यह हमारा देश आजाद हुआ । एक कहावत है कि जो बोयेगा वही कटेगा पर यह कहावत उस समय विपरीत साबित होती थी । क्योंकि किसान अपने फशलो को बोते तो थे पर उन पर अपना हक अंग्रेज जमाये बैठे थे। अंग्रेजों का अत्याचार दिन दूना रात चौगुना बढ़ता ही जा रहा था । इतिहास साक्षी है कि जब जब कंश का अत्याचार बढ़ा तो श्री कृष्ण का जन्म हुआ । जब जब रावण का अत्याचार बढ़ा तो राम का जन्म हुआ ।वैसे ही जब अंग्रेजों का अत्याचार बढ़ा तो मंगल पांडेय , खुदी राम बोस , चंद्र शेखर आजाद , भगत सिंह तथा सुभाष चन्द्र बोस जैसे वीर सपूतों का जन्म हुआ ।

मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं, हुस्न के परदे निगाहों से हटती हैं,

हौसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर, ठोकरें इन्सान को चलाना सिखाती हैं,

आखिर ख़िदर और भेड़िये के डर से शेर अपने मांद में कब तक छुपे बैठे रह सकते थे हमारे देश के वीरो ने अंग्रेजी हुक्कूमत को जर से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।

उधर खड़ी थी लक्ष्मी बाई और पेशवा नाना था

इधर बिहारी वीर वकुरा खड़ा हुआ मस्ताना था

अस्सी वर्ष के हड्डियों में भी जगा जोश पुराना था

सब कहते हैं बाबू वीर कुँअर सिंह भी बड़ा वीर मर्दाना था

हमारे देश के कई महान नेता महात्मा गांधी , पंडित जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, जैसे देश के अनेक वीर जवानों ने मिलकर देश को आजादी दिलाई और तब जाकर हमारा देश 15 August 1947 को आजाद हुआ । और इसी के याद में हम प्रति वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मानते है और इसकी रक्षा के लिए हम संकल्प लेते है ।

चाहेमुझे तोर लेना वनमाली

पर देना तुम उस पथ पर फेंक

मातृभूमि को शीष चढ़ाने

जिस पथ जावे वीर अनेक

और इसी के साथ मैं अपने वाणी को विराम देते हुए कहना चाहूंगा

तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित

चाहता हूं देश की धरती तुझे कुछ और दु

जय हिंद जय भारत

उम्मीद है यह भाषण आपको पसंद आया होगा अगर यह आपको पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे या अगर आपके कोई दोस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भाषण देना चाहता है तो उसे सेंड कर दे ।

Note – टाइपिंग में अशुद्ध होने की स्थिति में आप उसे ठीक कर ले ।

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